मदरसा शिक्षिकाओं को आरएसएस के सम्मेलन में भेजने की तैयारी!
-आरएसएस का संगठन 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' 5 मार्च को अयोध्या में आयोजित कर रहा है 'मुस्लिम महिला सम्मेलन'
-'राम मंदिर निर्माण', 'तीन तलाक' समेत 11 विषयों पर समर्थन जुटाने के लिए 'मुस्लिम महिला सम्मेलन'
गोरखपुर। आगामी पांच मार्च को अयोध्या के तुलसी स्मारक सभागार में राम मंदिर निर्माण समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 'मुस्लिम महिला सम्मेलन' आयोजित होने जा रहा है। यह सम्मेलन आरएसएस के 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' संगठन द्वारा आयोजित किया जा रहा है। अल्पसंख्यक मंत्री के साथ बैठक के नाम पर कई जिले के मदरसों में कार्यरत शिक्षिकाओं को इस सम्मेलन में भेजने की तैयारी चल रही है। इससे पहले प्रदेशभर के मदरसा शिक्षकों को 17 सितम्बर 2017 को अयोध्या में 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' के सम्मेलन में गुमराह करके भेजा जा चुका है। सम्मेलन में राम मंदिर निर्माण के लिए मदरसा शिक्षकों का समर्थन दिखाने की पूरी कोशिश की गई थी। जिसका मदरसा शिक्षकों ने खंडन किया था और आक्रोश भी जाहिर किया था। gorakhpurnewsline.com ने तब इस खबर को प्रमुखता से छापा था। मिली जानकारी के अनुसार अबकि बार मदरसों की शिक्षिकाओं को सम्मेलन में भेजने की तैयारी बहुत गोपनीय ढ़ंग से की जा रही है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग महराजगंज से बाकायदा सूचना जारी की गयी है। जो इस प्रकार है -
" आवश्यक सूचना:- जनपद-महाराजगंज के अनुदानित/गैर अनुदानित/मिनी आईटीआई एवं आधुनिकीकरण योजना से आच्छादित मदरसों में कार्यरत शिक्षिकाओं को दिनांक 05.03.2018 को मा0 अल्पसंख्यक मंत्री के बैठक में प्रतिभाग करने हेतु अयोध्या जाना है सभी शिक्षिकाएं महाराजगंज बस स्टेशन पर उक्त तिथि में प्रातः 5:00 बजे उपस्थित होना सुनिश्चित करें, विभागीय बस के माध्यम से अयोध्या प्रस्थान करना है, बस सेवा नि:शुल्क होगी आज्ञा से जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, महाराजगंज|"
बताते चलें जहां पिछली दफा प्रदेश के मदरसा शिक्षकों को गुमराह करके आरएसएस के सम्मेलन में शिरकत करवाई गई थी। जिसमें उप्र के कैबिनेट मंत्री भी शामिल हुए थे। वहीं इस बार फिर संदेह उत्पन्न हो रहा है कि कहीं इस बार प्रदेशभर की मदरसा शिक्षिकाओं को अल्पसंख्यक मंत्री के साथ बैठक के नाम पर गुमराह तो नहीं किया जा रहा है। मदरसा शिक्षिकाओं को अल्पसंख्यक मंत्री के साथ बैठक में प्रतिभाग करने के लिए अयोध्या बुलाना चौंकाता है जिस जगह 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' का 'मुस्लिम महिला सम्मेलन' हो और उसी शहर में उसी दिन अल्पसंख्यक मंत्री का मदरसा शिक्षिकाओं के साथ बैठक करना संदेह उत्पन्न करता है। बैठक तो लखनऊ में भी हो सकती थी। अगर मदरसा शिक्षिकाओं को सम्मेलन में शिरकत करने के लिए अयोध्या बुलाया जा रहा है तो बेहद गंभीर बात है। सरकारी तंत्र भला मुस्लिम समाज को ऐसे कैसे गुमराह कर सकता है। वहीं अगर यह बात सच साबित हुई तो सरकारी तंत्र के दुरूपयोग का इससे बेहतर नमूना कहीं और नहीं मिलेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पांच मार्च को इस सम्मेलन में महिलाएं राम मंदिर निर्माण के समर्थन में अपील करेंगी। यह पूरा आयोजन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के माध्यम से होने जा रहा है जिसकी पुष्टि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयोजक मुरारी दास उर्फ मिहिरध्वज ने की है। पत्रकारों से बात करते हुए श्री दास ने बताया कि आगामी 5 मार्च को अयोध्या के तुलसी स्मारक भवन में महिलाओं वृहद बैठक आयोजित की जा रही है ,जिसमें राम मंदिर निर्माण समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर मुस्लिम महिलाएं अपने हक की आवाज बुलंद करेंगी। फैजाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रीय मुस्लिम मंच से जुड़े मुस्लिम महिला नादिरा हुसैन ,ठाकुर राजा, रईस सैयद हसन कौसर ने पूरे आयोजन की जानकारी दी है। जाहिर तौर पर इस आयोजन के माध्यम से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए माहौल बनाएगी।
gorakhpurnewsline.com ने यह खबर 17 सितम्बर 2017 को प्रमुखता से छापीं थी👇
मदरसा शिक्षकों को सरकारी कार्यक्रम बता आरएसएस के कार्यक्रम में भेजा गया
-आरएसएस द्वारा बनाये गए संगठन ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ‘ ने आज अयोध्या में किया था जलसा-ए-पैगामे मोहब्बत कार्यक्रम
-कहा गया था कि मदरसों की समस्यायों पर चर्चा होगी लेकिन वहां राम जन्म भूमि पर चर्चा होता देख वापस लौटे मदरसा शिक्षक
गोरखपुर, 17 सितम्बर। आरएसएस द्वारा बनाये गए संगठन ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ के आज अयोध्या में आयोजित प्रोग्राम में अनुदानित व गैर अनुदानित मदरसों के शिक्षकों को बुलाये जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया. मदरसा शिक्षकों का कहना है कि हमें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों ने यह कह कर बुलाया था कि कार्यक्रम सरकारी है और इसमें मदरसों की समस्याओं पर चर्चा होगी लेकिन वहां जाने पर पता चला कि कार्यक्रम आरएसएस का है और चर्चा रामजन्म भूमि की हो रही है.
इस कार्यक्रम में शरीक होने गोरखपुर शहर काजी मुफ्ती वलीउल्लाह सहित अनुदानित व गैर अनुदानित मदरसों के करीब 200 मुस्लिम धर्मगुरु व शिक्षक गए थे लेकिन हकीकत समझ्ने के बाद वे वहां से लौट आये.
गोरखपुर से गए मदरसा शिक्षकों ने बताया कि विभाग द्वारा हमें बताया गया था कि अयोध्या के रामकथा पार्क में 17 सितंबर को सरकारी प्रोग्राम हैं जिसमें कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी शामिल होंगे। विभाग ने हम पर प्रोग्राम में शामिल होने का दबाव बनाया। यह दबाव गोरखपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में बनाया गया। विभाग के दबाव पर जिले के अनुदानित व गैर अनुदानित मदरसों के करीब 200 शिक्षक सरकारी प्रोग्राम समझकर शिरकत करने को तैयार हो गये। बाकायदा मदरसे वालों ने एक बस की जिसमें 30-40 मदरसा शिक्षक रवाना हुए। इसका खर्चा भी मदरसे वालों ने ही उठाया। अन्य मदरसा शिक्षक अपने साधनों से अयोध्या पहुंचे.
गोरखपुर के मदरसा शिक्षकों की अध्यक्षता शहर काजी मुफ्ती वलीउल्लाह ने की। जब यह काफिला अयोध्या रामकथा पार्क में पहुंचा तो यह देख कर सब हैरत में पड़ गए कि प्रोग्राम आरएसएस विंग मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का हैं और मार्गदर्शक व मुख्य वक्ता हैं वरिष्ठ प्रचारक इन्द्रेश कुमार। मुख्य अतिथि के तौर पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी भी कार्यक्रम में शामिल थे। मंच से रामजन्म भूमि की बात की जा रही थी. यह देख सभी लोग वापस लौट आये.
गोरखपुर से गए शहर काजी मुफ्ती वलीउल्लाह व अन्य मदरसा शिक्षकों ने आरोप लगाया कि सरकार ने सरकारी प्रोग्राम कह कर गुमराह करके आरएसएस के प्रोग्राम में सहभागिता करायी
धर्मगुरुओं व शिक्षकों ने कहा कि अगर पहले मालूम होता तो इस प्रोग्राम में नहीं शामिल होते। मदरसा शिक्षक नवेद ने बताया कि शनिवार की रात मदरसे से फोन आया कि अयोध्या में सरकारी प्रोग्राम है. अल्पसंख्यक मंत्री शामिल होंगे। विभाग का मौखिक आदेश है कि सभी मदरसे से शिक्षकों को प्रोग्राम में शामिल होना है। सरकारी प्रोग्राम की वजह से सभी मदरसे वाले प्रोग्राम में जाने को तैयार हो गये। जब अयोध्या पहुंचे तब पता चला कि सरकार द्वारा सरकारी कार्यक्रम कह कर आरएसएस के प्रोग्राम में सहभागिता करायी जा रही हैं। रोष तो बहुत था लेकिन अब कर भी क्या सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर पहले से पता होता तो इसमें शिरकत नही करते। यह मुस्लिम धर्मगुरुओं व मदरसा शिक्षकों के साथ धोखा हैं। आरएसएस के प्रोग्राम में मुस्लिम धर्मगुरुओं व मदरसा शिक्षिकों की सहभागिता करवाना निंदनीय हैं। सरकार के इस फैसले से मुस्लिम धर्मगुरुओं व शिक्षकों में काफी रोष हैं। इस प्रोग्राम में मदरसा शिक्षिकों के शिरकत की वजह से मदरसो का पठन-पाठन पूरी तरह से प्रभावित हुआ।
टीचर्स एसोसशिएन मदारिसे अरबिया उप्र के महामंत्री हाजी दीवान साहेब जमां खां ने इस कार्यक्रम में मदरसा शिक्षकों को शामिल कराने पर कड़ी आपत्ति जतायी है। उन्होंने विज्ञप्ति जारी कर सरकार की आलोचना की है.
शहर काजी मुफ्ती वलीउल्लाह ने कहा कि सरकार ने हमको गुमराह किया हैं। यहां हमारे मसले को हल करने के लिए नहीं बल्कि हमें जबाह करने करने के लिए बुलाया गया था. यह उलेमा व शिक्षकों के साथ धोखा हुआ हैं। अल्पसंख्यक विभाग ने दबाव बना कर मुस्लिम धर्मगुरुओं व मदरसा शिक्षकों के साथ धोखा किया हैं। अगर हमारे इल्म में होता तो कतई इस प्रोग्राम में शिरकत नहीं करते । इसकी हम भरसक निंदा करते हैं। यह अफसोसनाक हैं। मुझे बोलने के लिए कहा गया मैं उठकर चला आया। ऐसे प्रोग्रामों में जाना हमें गंवारा नहीं।
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