रोजादारों की पहली पसंद यूएई व ईरानी खजूर




-खजूरों के बेहतरीन पैकट लोगों का ध्यान खींच रहे हैं

syed farhan ahmad

गोरखपुर। खजूर से रोजा खोलना नबी-ए-पाक की सुन्नत हैं। हर रोजेदार की ख्वाहिश होती है कि वह बेहतर से बेहतर खजूर से रोजा खोले। रोजेदार 100, 200, 400 व 600 रुपये प्रति किलोग्राम तक के खजूर से रोजा खोल रहे हैं। बाजार में एक दर्जन से अधिक तरह की खजूरें बिक रही हैं। जिसमें अज्वा़, खुबानी, शुमरी, तैबा, शबानी, समर्इ, मगरूम, हयात शामिल हैं। जिन्हें यूएई, र्इरान, इराक, सउदी अरब, दुबई व अन्य खाड़ी देशों से मंगवाया जाता है। रमजान में सजे दस्तरख्वान पर अपनी खास जगह रखने वाले खजूर की कई किस्में मॉल से लेकर बाजारों तक में सजी हुई हैं। वैसे तो बाजार में खजूर की कई किस्में उपलब्ध हैं, मगर सबसे ज्यादा मांग यूएई के क्राऊन, ईरान की कीमिया व ईरानी खजूर की हो रही है। अब लोग बेहतरीन पैक की हुई खजूरें ज्यादा पसंद कर रहे हैं। खुली खजूरों के मुकाबले बेहतरीन पैक्टड खजूरें लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। सबसे महंगी खजूर अज्वा़ हैं।

रोजेदार रोजा खोलने के लिए खजूर का ही इस्तेमाल करते हैं। रमजान के दौरान खजूर खूब इस्तेमाल किया जाता  हैं। खजूर की छोटी-छोटी दुकानें मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में सजी हुई हैं। महेवा मंडी व घोस कंपनी पर थोक भाव से खजूर बिक रही हैं। वहीं नखास चौक, उर्दू बाजार, जाफरा बाजार, बक्शीपुर, खोखर टोला, रसूलपुर, गोरखनाथ में फूटकर रेट में खजूरें बिक रही हैं। खजूर का फायदा मालूम होने और सुन्नत अदा करने के  लिहाज से पहले रोजेदार सिर्फ किसी भी खजूर से लोग काम चला लेते थे। मगर जब खजूर की डिमांड दिन ब दिन बढ़ने लगी तो व्यापारियों ने भी बाहर से उम्दा क्वालिटी की खजूरें मंगवानी शुरु कर दी। मौजूद वक्त की बात करें तो शहर में लोकल खजूरों के अलावा अरब, ईरान, दुबई, कुवैत के साथ और भी कई देशों की खजूर मौजूद है। हर साल रमजान में सबसे ज्यादा डिमांड खजूर की ही रहती है, यही वजह है कि थोक मार्केट में भी विदेशी खजूर की मांग हैं। शहर में खजूर की लंबी वेरायटी मौजूद है। इसमें जहां सस्ते दाम में लोकल खजूर मिल जायेगी। वहीं महंगी विदेशी खजूर की भी भरमार है। इस वक्त लोकल में 32 रुपए से लोकल खजूर की रेंज शुरु हो रही हैं। वहीं ईरानी खजूर के दाम की शुरुआत 100 रुपए से होती है। बाजार में कीमिया डेट्स (ईरान) 250-300 रुपया, डेट क्राउन ( यूएई )125- 300 रुपया, सफीर (दुबई )250- 300 रुपया, मरहबा ( ईरानी ) 100 रुपया, अलमदीना 130 रुपया, रॉयल 180 रुपया, गल्फ 130 रुपया, फैल्कॉन  150 रुपया, तैबा  160 रुपया, बूमान 150 रुपया में मिल रही हैं।

खजूर में शिफा हैं : मुफ्ती अख्तर

मदरसा दारुल उलूम हुसैनियां दीवान बाजार  के मुफ्ती अख्तर हुसैन ने बताया कि नबी-ए-पाक को खजूर बेहद पसंद था। खजूर में बहुत शिफा है। खजूर से रोजा खोलना नबी-ए-पाक की सुन्नत हैं। खजूर जन्नत का फल है और इसमें जहर से भी शिफा है। जानकारों की माने तो खजूर में साठ से सत्तर फीसदी सुक्रोज मौजूद होता है। इसके अलावा आयरन, कैलशियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॅास्फोरस, मैंग्नीज, तांबा जैसे पोषक तत्व भी इसमें मौजूद होते है। खजूर खाने से न सिर्फ थकावट दूर होती है बल्कि गुर्दे की ताकत भी बढ़ती है। खजूर में आयरन होता है जो एनीमिया मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। लो ब्लड प्रेशर वालों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है। 

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