गोरखपुर में हैं पैगम्बर-ए-इस्लाम के कदमों के निशान






गोरखपुर। पैगम्बर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहौ अलैहि वसल्लम के कदमों के निशान की जियारत (दर्शन) करने ना आपको मिस्री, तुर्की के म्यूजियम में जाने की जरूरत है। ना ही इंटरनेट पर भटकने की जरूरत। शहर में पैगम्बर-ए-इस्लाम के कदमों के निशान सुरक्षित है। जिनकी जियारत अपने रूबरू साल के बारह महीने की जा सकती है।  बक्शीपुर थवई पुल के पास हजरत मोहम्मद साहब के कदमों के निशान 90सालों से अकीदमंदों के लिए बाइसे सवाब है। यह जगह कदम रसूल के नाम से मशहूर हो चुकी है। बारह रबीउल अव्वल, मुहर्रम, शबे बारात सहित तमाम मौकों पर जियारत करने वालों का तांता लगा रहता है। दिली मुरादें पूरी होती है। इससे शहर के तमाम लोग वाकिफ नहीं है। मुतवल्ली सफीक खान ने कुछ साल पहले मुझे बताया था कि सन् 1927-28 ई. में यहां के जस्टिस सिब्तैन हज करने मक्का मदीना शरीफ गये थे,  वहां पर किसी बुजुर्ग ने पैगम्बर मोहम्मद साहब के कदम मुबारक के निशान आपको अता किया। उन्होंने एक खास कमरें में इस मुबारक निशान को रखा जो आज भी उसी हालत में मौजूद है। बंटवारे के समय जस्टिस सिब्तैन पाकिस्तान चले गये, लेकिन कदम रसूल यहीं रहने दिया। जिसका फैज आज भी अकीदतमंद उठा रहे है। यहां एक कदीम मजार भी है जो मकबरे में है। इसके अलावा सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार में ईद व ईदुल अजहा के मौके पर कदम रसूल की जियारत की जा सकती है। सब्जपोश हाउस मस्जिद में मौजूद कदम रसूल ज्यादा प्रमाणिक है।

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