गोरखपुर - मस्जिद के लाउडस्पीकर की मदद से मुख्तार अहमद ने बचायीं तीन हजार जिंदगियां




सैयद फरहान अहमद


गोरखपुर। वार्ड नम्बर 14 पिपरापुर उर्फ बहरामपुर के बहादुर शाह जफर कालोनी में 16 अगस्त की अलसुबह  4:15 बजे का मंजर भयावह था। हार्बर्ट बांध पर डोमिनगढ़ स्थित 1 नम्बर रेगुलेटर का लोहे का जर्जर गेट पानी के दबाव के कारण फट गया। दरिया-ए-राप्ती का पानी तेजी से कालोनी में प्रवेश कर रहा था। कालोनी में मौजूद 300 से 400 घरों के रहने वाले करीब ढ़ाई से तीन हजार लोग गहरी नींद में थे। पानी तेजी से कालोनी में दबे पाओ प्रवेश करता चला जा रहा था। पानी प्रवेश के कुछ देर पहले कालोनी के रहने वाले मुख्तार अहमद रोज की भांति उठ चुके थें करीब 4:00 बजे। उन्होंने सोचा लाओ पहले चेक करते हैं कि 14 व 15 अगस्त को हुई बारिश से भरा पानी सड़क से खाली हुआ हैं कि नहीं (अमूमन इस क्षेत्र में बारिश की वजह से पानी लग जाता हैं जिसे पम्पिंग सेट के जरिए निकाला जाता हैं)। जब उनकी नजर सड़क पर गयीं तो पता चला कि सड़क पर पानी नही हैं। उन्होंने सोचा कि चलो मस्जिद बहादुर शाह जफर ( जो उनके घर से तीन सौ कदम की दूरी पर थीं) में नमाज पढ़ आते हैं। वुजू करने  घर के अंदर गये और जब वुजू करके वापस आयें तो देखा कि घर की लॉबी में पानी तेजी से प्रवेश कर रहा हैं। वह घबरा गये। पानी नदी की उलटी दिशा से और तेजी से आ रहा था। जल्द मस्जिद के लिए निकले तो देखा चारों तरफ कोई नजर नहीं आ रहा हैं वह समझ गये सब नींद की आगोश मे हैं। चौराहे पर जावेद अहमद नाम का नवयुवक मिला तो पूछा क्या माजरा हैं तो उसने अनुमान लगाकर बताया कि शायद हार्बर्ट बंधा टूट गया हैं या रेगुलेटरों की प्लेट टूट गयीं हैं। बड़ी तेजी से पानी कालोनी में पहुंच रहा हैं मुख्तार अहमद तुरंत मस्जिद पर पहुंचे । मस्जिद का दरवाजा बंद था लिहाजा दूसरे दरवाजे से मस्जिद में दाखिल हुए । इमाम साहब मौलाना मोहम्मद कलीमुल्लाह को जगाया। मुख्तार अहमद ने सबसे पहले मस्जिद से अजान दीं (मस्ज्दि में मोअज्जिन नहीं हैं)।  बढ़ते पानी व मौके की नजाकत को भांप कर  इमाम साहब से राय मशवरा करके बिना समय गवांयें मस्जिद के लाउडस्पीकर से ऐलान शुरु कर  दिया कि हजरात कालोनी में राप्ती नदी का पानी तेजी से दाखिल हो रहा हैं । जाग जाईये, होशियार हो जाईयें और घर वालों के साथ सुरक्षित स्थान पर चले जाईयें। फिर जैसे ही यह आवाज कुछ लोगों के कानों में पहुंचीं सब घर के लोगों को, पास-पड़ोस के लोगों को जगाने लगे। चंद मिनटों में पूरे कालोनी के लोग बेदार (जाग) गये। जिनके दो मंजिला मकान थे वह जरुरी सामान लेकर ऊपरी मंजिल पर चले गये। कुछ लोग जरुरी सामान लेकर ऊंचाई की जगह पर सुरक्षित पहुंच गयें। पूरी कालोनी पानी में चलती नजर आयीं । मुख्तार अहमद व इमाम साहब ने फज्र की नमाज अदा की (मस्जिद ऊंचाई पर हैं इसलिए यहां पर पानी नहीं पहुंचा)। नमाज के बाद मुख्तार घर की तरफ पलटे बीबी व बच्ची को दूसरी मंजिल पर ले गयें। तख्त पर सामान रखा। सुबह का उजाला होते-होते पूरी कालोनी जलमग्न हो गई। चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी करीब 4 से 5 फीट पानी लग गया। मुख्तार ने नमाज के बाद से ही वार्ड के पार्षद व जिम्मेदारों को अवगत कराया। सुबह 8:30 बजे तक प्रशासिनक अमला पहुंच गया। कुछ देर बाद रेगुलेटर में रिसाव की बात  लोगों तक पहुंची। रिसाव पर किसी तरह कंट्रोल पाया गया। आमना स्कूल में कालोनी के काफी लोगों ने पनाह लीं। बकौल मुख्तार एनडीआरएफ की टीम ने लोगों की काफी मदद  की। लोगों में लंच पैकेट बांटे। सुरक्षा की दृष्टि से लाइट काट दी गयीं। शाम को जब स्थिति सामान्य हुई तो क्षेत्र के जेई से मिन्नत की गयी। कालोनी वालों ने अपने रिस्क पर लिखित दरख्वास्त दी। तब जाकर रात्रि  8 बजे बिजली बहाल हुई। इसी बीच एक महिला की मौत भी हो गई हालांकि यह सामान्य मौत थी।   उन्होंने बताया कि कालोनी से 17 अगस्त को पान निकाला जा चुका हैं। कुछ निचली जगहों पर पानी लगा हुआ हैं। तारीफ करनी लाजिमी हैं कि मुख्तार अहमद की जागरुकता व मस्जिद बहादुर शाह जफर के लाउडस्पीकर ने हजारों जिंदगियां को चौकन्ना कर दिया। जान की हानि नहीं हुई या यूं कहें कि मुख्तार ने हजारों जिंदगी बचाने में मदद की। एमएसआई इंटर कालेज बक्शीपुर में बतौर शिक्षक कार्यरत मुख्तार अहमद कहते हैं कि हार्बर्ट बांध पर लगे 5 रेगुलेटरों में डोमिनगढ़ रेलवे लाइन पर लगे रेगुलेटर की प्लेट जर्जर, जंग लगी व कमजोर थीं। कई बार कम्पलेन की गयीं लेकिन विभाग ने तवज्जों नहीं दीं।बुधवार 16 अगस्त  की अलसुबह से रिसाव शुरु हुआ जिसने प्रात: 4:15 बजे तक विकराल रुप ले लिया और लोगों में दहशत का माहौल कायम हो गया।
रिसाव वाले स्थान पर सिंचाई विभाग, नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारी डेरा डाले रहे। हालांकि रिसाव रोकने के प्रयास में स्थानीय लोगों ने  बड़ी संख्या में सहयोग किया।
हार्बर्ट बांध के डोमिनगढ़ रेगुलेटर के रिसाव को जिला प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से रोकने में कामयाबी पायी । जफर कालोनी से सटे मोहल्लों में भी हड़कंप मचा रहा। मुख्तार ने सिंचाई विभाग से मांग किया हैं कि डोमिनगढ़ के रेगुलेटर पर नया लोहे का फाटक बनाया जायें साथ ही नगर निगम द्वारा कालोनी में साफ-सफाई व कीटनाशकों का छिड़काव किया जायें। कालोनी में सफाई कर्मी कम संख्या में आ रहे हैं जिसे नगर निगम प्रशासन बढ़ाये। नहीं तो बीमारी भी फैल सकती हैं।

बताते चलें कि डोमिनगढ़ रेगुलेटर 1 के सबसे करीब जफर कालोनी है। नदी की तलहटी सरीखी जगह पर बसी इस आबादी में हाल के वर्षो में बसी इस कालोनी में यूं तो अधिकांश मकान नए बने हैं लेकिन यहां काफी संख्या में झुग्गियां भी है।

-कालोनी की दुश्वारियां कम नहीं
तिवारीपुर थाना क्षेत्र के जफर कालोनी मे बाढ़ के पानी को प्रशासन के प्रयास से बाहर निकाल दिया गया हैं लेकिन रेलवे धर्मशाला से जो नाला जफर कालोनी से होता हुए डोमिनगढ़ मे मिला हैं उस नाले के सफाई ना होने की वजह से कालोनी के अन्दरुनी हिस्से मे आज भी एक फीट पानी लगा हुआ है लोगों का कहना यह पानी निकलेगा नहीं, पानी सुखेगा। अब एक दिन भी लग सकता हैं दस दिन भी। उसी गंदे पानी मे कालोनी वाले चलने को मजबूर हैं।

-रेगुलेटर 6 की मरम्मत जारी
हार्बट बंधेे के रेगुलेटर नं. 6 पर कार्य तेजी से हो रहा हैं। कर्मचारी डोमिनगढ़ पम्प हाउस के रेगुलेटर प्लेट टूटने वाली जगह पर मरम्मत कार्य कर रहे हैं।

राप्ती के बाढ़ की पानी से शहर की सुरक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण हार्वट बांध पर डोमिनगढ़ के रेगुलेटर के टूटने के बाद शुक्रवार की सुबह इलाहीबाग रेगुलेटर में  रिसाव होना शुरु हो गया।  अधिकारियों ने स्थानीय लोगों की मदद से रिसाव पर काबू पाया। शुक्रवार की सुबह 6 बजे इलाहीबाग रेगुलेटेर नम्बर 6 पर एक बार पुन: फाटक से रिसाव शुरू हुआ। असल में रेगुलेटर में लगाए गए फाटक की ऊंचाई से ज्यादा राप्ती का जल-स्तर पहुंच गया। लिहाजा बाढ़ का पानी तेजी से इलाहीबाग क्षेत्र में घुसने लगा था। स्थानीय लोगों ने कैंप कर रहे सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सूचित करने के साथ स्वयं भी मोर्चा संभाल लिया।  फिलहाल जियो बैग डाल कर रिसाव पर काबू पा लिया गया। उसके बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने दोपहर 2.30 बजे एक अतिरिक्त नया फाटक भी क्रेन और बुलडोजर की मदद से इस रेगुलेटर पर लगा दिया। डोमिनगढ़ पंम्पिंग स्टेशन पर कैंप कर रहे जलकल के सहायक अभियंता पीएन मिश्रा ने बताया कि पिछले 48 घंटे से लगातार काम कर जलभराव वाले क्षेत्रों से पानी निकाला जा चुका है। किसी सड़क पर पानी नहीं है। शहर की नालियों से आने वाले पानी को लगातर पम्प किया जा रहा है। डोमिनगढ़ रेगुलेटर नम्बर एक पर भी कड़ी निगरानी डोमिनगढ़ रेगुलेटर नम्बर एक पर गुरुवार की शाम 6.45 बजे एक बार फिर रिसाव होने की सूचना मिली तो  जियो बैग डाल कर कुछ देर में ही रिसाव रोक दिया गया। शुक्रवार की सुबह यहां नगर निगम द्वारा शहर के भीतर का पानी फेंकने के लिए लगाए गए 12 पम्प में 10 चलते मिले। इस कारण जफर कालोनी, बहरामपुर और मोहनलालपुर में हुआ जल जमाव काफी हद तक कम हो गया है। हालांकि कुछ नीचले क्षेत्रों में अब भी जल भराव है। दूसरे दिन भी कालोनियों में छिड़कांव जारी रहा। नगर निगम की टीम ने जफर कॉलोनी, बहरामपुर, इलाहीबाग, तुर्कमानपुर, हांसूपुर आदि मोहल्लों में छिड़काव किया। कालोनियों में मैलाथियान का छिड़काव के साथ ही लोगों के बीच क्लोरीन की गोलियां भी बांटी गईं। वहीं शाम को टीम फागिंग भी किया।

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