हर मदरसे के लिए यूपी सरकार का ताजा फरमान
-मदरसा पोर्टल लांच कर जारी किया डेड लाइन
गोरखपुर। उप्र में भाजपा सरकार बनते ही पहले अनुदानित मदरसों की जांच, मदरसा आधुनिकीकरण की जांच, मदरसा मिनी आईटीआई की जांच, मदरसों में स्वतंत्रता दिवस की वीडियो व फोटोग्राफी करवाने का आदेश देना। वीडियो व फोटोग्राफी न करवाने वाले मदरसों पर कार्यवाई व अनुदान बंद करने की धमकी देना। एक जांच से संतुष्ट न होना। कई बार जांच कराना। जांच के नाम पर वेतन व मानदेय रोक देना। ये सरकार के लिए आम बात हैं। मदरसा संचालक गोरखपुर में बाकयदा मीटिंग कर इस पर नाराजगी जता चुके हैं लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं हुआ ।
अब सरकार ने मदरसा पोर्टल madarsaboard.upsdc.gov.in लांच किया हैं और डेडलाइन भी जारी कर दी गयी है कि 15 सितम्बर तक पोर्टल पर मदरसों द्वारा अपनी समस्त सूचनायें अपलोड कर दी जानी चाहिए। इसके लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में पत्र भी आ गया हैं। वहीं 25 सितम्बर तक मदरसों द्वारा आपत्तियों के सबंध में अपना प्रत्यावेदन प्रस्तुत किये जाने की तिथि निर्धारित की गई हैं। 30 सितम्बर तक जनपदीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा परीक्षणोपरांत मदरसों का अग्रसारित डाटा डिजटलीय आईडी पर अग्रसारित किया जाना हैं। 10 अक्टूबर तक मदरसों द्वारा आपत्तियों के क्रम में रजिस्ट्रार/निदेशक को अपना प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया जाना हैं वहीं प्राप्त डाटा को रजिस्ट्रार/निदेशक स्तर पर फाइनल लॉक किए जाने की डेडलाइन 20 अक्टूबर तक फाइनल लॉक किया जाना हैं।
मदरसा संचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में चल रहे मदरसों को लेकर बेहद सख्त है। मदरसों की कई बार जांच हो चुकी हैं। कई जांच पेडिंग हैं। ऐसे में नये फरमान से मदरसा संचालकों को एक बार फिर से परेशानियों से दो-चार होना पड़ेगा। जिससे पढ़ाई व्यवस्था बाधित होगी। अभी तक न तो सरकार ने ड्रेस व किताब के मद में बजट में भेजा हैं ऊपर से छात्रवृत्ति का फार्म पेचीदा व उलझाऊ कर दिया हैं कि लोग भरना ही छोड़ दें। पार्दर्शिता एक बहाना हैं सारे मदरसों के रिकार्ड सरकार के पास मौजूद हैं।
बतातें चलें कि इस पोर्टल में राज्य के तमाम अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों को ऑनलाइन किया जाएगा। गोरखपुर में करीब 10 अनुदानित व 136 के करीब गैर अनुदानित मदरसे हैं। वहीं गोरखपुर में करीब 170 के आसपास मदरसे हैं। जिनकी कई बार जांच प्रदेश सरकार करवा चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में कुल 6725 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। ऑनलाइन पोर्टल पर मदरसों की फोटो भी अपलोड की जाएंगी। इसके अलावा वेबसाइट पर शिक्षकों के स्वीकृत पद, तमाम तैनात कर्मचारी और रिक्त पदों का भी ब्यौरा उपलब्ध रहेगा। पोर्टल पर तमाम कर्मचारी और शिक्षक वेतन सहित तमाम बिलों के भुगतान के लिए भी आवेदन कर सकते हैं, इसका निपटारा ऑनलाइन करने की भी व्यवस्था की गई है। यही नहीं अधिकारियों की मंजूरी के बाद कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन को भी सीधे उनके खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।
मदरसे की वेबसाइट खोलने पर सबसे पहले उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ीं सी फोटो नजर आयेगी।मदरसा पोर्टल भगवा रंग में नजर आ रहा हैं। पोर्टल पर यह पैगाम लिखा नजर आयेगा।
" उत्तर प्रदेश मदरसा पोर्टल
आधुनिक युग में नवीन तकनीक के उपयोग से ही व्यवस्था में पारदर्शिता एवं जवाबदेही लायी जा सकती है। इस सिद्धान्त का अनुसरण करते हुए उ0प्र0 सरकार विशेष पोर्टल के माध्यम से मदरसों को एकीकृत पटल पर लाने हेतु प्रयासरत है।
पोर्टल पर सभी मदरसे अपना रजिस्ट्रेशन करवायेंगे। इसी पोर्टल से राज्य सरकार द्वारा अनुदानित मदरसों के शिक्षकों/कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया जायेगा तथा आधुनिकीकरण/मिनी आई0टी0आई0 योजनान्तर्गत शिक्षक/ कर्मचारीयो को भी मानदेय का भुगतान किया जायेगा।
पोर्टल के माध्यम से परिषद की मुंशी/ मौलवी/आलिम/कामिल एवं फाजिल स्तर की 2018 की परीक्षा सम्पन्न करायी जायेंगी।
पोर्टल तथा योजनाओ के आॅन लाईन क्रियान्वयन से परिषद के कार्या में पारदर्शिता,गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता लायी जा सकेगी।
गोरखपुर। उप्र में भाजपा सरकार बनते ही पहले अनुदानित मदरसों की जांच, मदरसा आधुनिकीकरण की जांच, मदरसा मिनी आईटीआई की जांच, मदरसों में स्वतंत्रता दिवस की वीडियो व फोटोग्राफी करवाने का आदेश देना। वीडियो व फोटोग्राफी न करवाने वाले मदरसों पर कार्यवाई व अनुदान बंद करने की धमकी देना। एक जांच से संतुष्ट न होना। कई बार जांच कराना। जांच के नाम पर वेतन व मानदेय रोक देना। ये सरकार के लिए आम बात हैं। मदरसा संचालक गोरखपुर में बाकयदा मीटिंग कर इस पर नाराजगी जता चुके हैं लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं हुआ ।
अब सरकार ने मदरसा पोर्टल madarsaboard.upsdc.gov.in लांच किया हैं और डेडलाइन भी जारी कर दी गयी है कि 15 सितम्बर तक पोर्टल पर मदरसों द्वारा अपनी समस्त सूचनायें अपलोड कर दी जानी चाहिए। इसके लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में पत्र भी आ गया हैं। वहीं 25 सितम्बर तक मदरसों द्वारा आपत्तियों के सबंध में अपना प्रत्यावेदन प्रस्तुत किये जाने की तिथि निर्धारित की गई हैं। 30 सितम्बर तक जनपदीय अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा परीक्षणोपरांत मदरसों का अग्रसारित डाटा डिजटलीय आईडी पर अग्रसारित किया जाना हैं। 10 अक्टूबर तक मदरसों द्वारा आपत्तियों के क्रम में रजिस्ट्रार/निदेशक को अपना प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया जाना हैं वहीं प्राप्त डाटा को रजिस्ट्रार/निदेशक स्तर पर फाइनल लॉक किए जाने की डेडलाइन 20 अक्टूबर तक फाइनल लॉक किया जाना हैं।
मदरसा संचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य में चल रहे मदरसों को लेकर बेहद सख्त है। मदरसों की कई बार जांच हो चुकी हैं। कई जांच पेडिंग हैं। ऐसे में नये फरमान से मदरसा संचालकों को एक बार फिर से परेशानियों से दो-चार होना पड़ेगा। जिससे पढ़ाई व्यवस्था बाधित होगी। अभी तक न तो सरकार ने ड्रेस व किताब के मद में बजट में भेजा हैं ऊपर से छात्रवृत्ति का फार्म पेचीदा व उलझाऊ कर दिया हैं कि लोग भरना ही छोड़ दें। पार्दर्शिता एक बहाना हैं सारे मदरसों के रिकार्ड सरकार के पास मौजूद हैं।
बतातें चलें कि इस पोर्टल में राज्य के तमाम अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों को ऑनलाइन किया जाएगा। गोरखपुर में करीब 10 अनुदानित व 136 के करीब गैर अनुदानित मदरसे हैं। वहीं गोरखपुर में करीब 170 के आसपास मदरसे हैं। जिनकी कई बार जांच प्रदेश सरकार करवा चुकी हैं। उत्तर प्रदेश में कुल 6725 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। ऑनलाइन पोर्टल पर मदरसों की फोटो भी अपलोड की जाएंगी। इसके अलावा वेबसाइट पर शिक्षकों के स्वीकृत पद, तमाम तैनात कर्मचारी और रिक्त पदों का भी ब्यौरा उपलब्ध रहेगा। पोर्टल पर तमाम कर्मचारी और शिक्षक वेतन सहित तमाम बिलों के भुगतान के लिए भी आवेदन कर सकते हैं, इसका निपटारा ऑनलाइन करने की भी व्यवस्था की गई है। यही नहीं अधिकारियों की मंजूरी के बाद कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन को भी सीधे उनके खाते में ट्रांसफर किया जाएगा।
मदरसे की वेबसाइट खोलने पर सबसे पहले उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ीं सी फोटो नजर आयेगी।मदरसा पोर्टल भगवा रंग में नजर आ रहा हैं। पोर्टल पर यह पैगाम लिखा नजर आयेगा।
" उत्तर प्रदेश मदरसा पोर्टल
आधुनिक युग में नवीन तकनीक के उपयोग से ही व्यवस्था में पारदर्शिता एवं जवाबदेही लायी जा सकती है। इस सिद्धान्त का अनुसरण करते हुए उ0प्र0 सरकार विशेष पोर्टल के माध्यम से मदरसों को एकीकृत पटल पर लाने हेतु प्रयासरत है।
पोर्टल पर सभी मदरसे अपना रजिस्ट्रेशन करवायेंगे। इसी पोर्टल से राज्य सरकार द्वारा अनुदानित मदरसों के शिक्षकों/कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया जायेगा तथा आधुनिकीकरण/मिनी आई0टी0आई0 योजनान्तर्गत शिक्षक/ कर्मचारीयो को भी मानदेय का भुगतान किया जायेगा।
पोर्टल के माध्यम से परिषद की मुंशी/ मौलवी/आलिम/कामिल एवं फाजिल स्तर की 2018 की परीक्षा सम्पन्न करायी जायेंगी।
पोर्टल तथा योजनाओ के आॅन लाईन क्रियान्वयन से परिषद के कार्या में पारदर्शिता,गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता लायी जा सकेगी।
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