यूपी सरकार का फरमान-मदरसों की संख्या बहुत अधिक है, सत्यापन दोबारा होना चाहिए
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर। निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण उप्र ने प्रदेश के समस्त जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर मदरसा आधुनिकीकरण योजनान्तगर्त आच्छादित मदरसों का एक बार फिर से सत्यापन कराये जाने का फरमान जारी किया हैं। पत्र में यह भी लिखा गया हैं कि "योजनान्तगर्त कतिपय जनपदों में आच्छादित मदरसों की संख्या बहुत अधिक हैं। अतएव इनके सत्यापन हेतु निम्नानुसार तीन सदस्यीय समिति का गठन कर सत्यापन आख्या एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध करायीं जायें।"
बतातें चलें कि इससे पहले भी प्रदेश सरकार द्वारा मदरसों की जांच कुछ माह पूर्व की जा चुकी हैं। वहीं एक सप्ताह में करीब 146 मदरसों का सत्यापन कैसे होगा यह अहम सवाल हैं। लेकिन पत्र से इस बात के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि सरकार मदरसों की अधिक संख्या को संदेह की दृष्टि से देख रही हैं।
निदेशक द्वारा पत्र में इस सत्यापन का मकसद बतातें हुए कहा गया हैं कि मदरसा आधुनिकीकरण (एसपीक्यूईएम) योजनान्तर्गत आच्छादित मदरसों का डाटाबेस बनाया जाना व तदनुसार मानदेय हेतु आवेदन/मांगपत्र उपलब्ध कराया जाना हैं।
सत्यापन के लिए अलग से नवीन प्रपत्र तैयार किया गया हैं। जिसमें भारत सरकार की नवीन गाइड लाइंस में निहित बिन्दुओं के आलोक में सूचना उपलब्ध करायी जानी हैं। पत्र में यह भी कहा गया हैं कि उप्र मदरसा शिक्षा परिषद का नवीन पोर्टल निर्माणाधीन है। मदरसा आधुनिकीकरण योजनान्तर्गत माह नवम्बर से मानदेय भुगतान हेतु मांग पत्र पोर्टल पर प्राप्त किए जाने के उपरांत परिषद की संस्तुति किए जाने पर योजना के अन्तर्गत नियुक्त शिक्षकों को मानदेय का भुगतान आनलाइन निदेशालय स्तर से किए जाने पर विचार किया जा रहा हैं।
सत्यापन के लिए गठित कमेटी के सदस्य
1. जिलाधिकारी द्वारा नामित - उपजिलाधिकारी/तहसीलदार/खण्ड विकास अधिकारी
2. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी/जिला समाज कल्याण अधिकारी/जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी/जिला विकलांग कल्याण अधिकारी
3. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी/खण्ड शिक्षा अधिकारी
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