दस साल से जश्न-ए-आजादी के मौके पर खुर्शीद बांटते 500 तिरंगा झंडा व टॉफी



गोरखपुर। जश्न-ए-आजादी को लोग अपनी तरह से मनाते हैं। मोहल्ला धम्माल निवासी 32 वर्षीय खुर्शीद अहमद मून भी जश्न-ए-आजादी मनाते हैं लेकिन इनकी तरीका जरा हट के हैं।  आजादी की पूर्व संध्या पर यह बाजार से पांच सौ के करीब झंडे खरीदते हैं और 15 अगस्त व 26 जनवरी की सुबह निकल पड़ते हैं गरीब बच्चों को झंडा व टॉफी बांटने। यह काम करीब 10 सालों से कर रहे हैं। आजादी के दिन इनके एक हाथ में झंडा और एक हाथ में टॉफी होती हैं। नसीराबाद से झंडा बांटना शुरु करते हैं तो फिर जुबली, बैंक रोड, गोलघर, घंटाघर आदि  गरीब या स्कूल का बच्चा नजर आता हैं उसे झंडा और टॉफी बांटते हुए एक मोहब्बत का पैगाम देते हैं। ठेले और रिक्शो वालों को भी झंडा देते हैं।
इन्हें यह शौक दस साल पहले लगा जब 16 अगस्त को कूड़ें के ढ़ेंर से एक गरीब बच्चे को तिरंगा झंडा बिनते  देखा और लड़के के चेहरे पर तिरंगे झंडे को लेकर अजब सी मुस्कान दिखी । बच्चा तिरंगा लेकर दौड़ रहा था तो फैसला किया कि अब 15 अगस्त व 26 जनवरी को कोई हाथ तिरंगा झंडा से महरुम नहीं रहेगा।
मून बताते हैं कि इस कार्य से बेहद खुशी मिलती हैं जिसे लफ्जों में बयां नहीं किया जा सकता।

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