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एमएसआई इंटर कॉलेज का चार दिवसीय वार्षिक जलसा आज से

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  प्रदेश भर के मकतब-मदरसा व स्कूल-कॉलेज के छात्रों के बीच होगा मुकाबला - दीनी तालीमी नुमाइश होगी आकर्षण का केंद्र गोरखपुर। एमएसआई (मियां साहब इस्लामिया) इंटर कॉलेज बक्शीपुर के परिसर में 28, 29, 30 नवंबर व एक दिसंबर को कालेज का सालाना जलसा-ए-सीरतुन्नबी आयोजित किया जाएगा। इस दौरान दीनी तालीमी नुमाइश (धार्मिक शिक्षा प्रदर्शनी) भी लगाई जाएगी। जलसे में प्रदेश स्तर के स्कूल-कॉलेज, मकतब-मदरसा एवं, स्थानीय प्राइमरी स्कूल के छात्रों के बीच किरात, नात, भाषण (तकरीर), पेंटिंग, वाद-विवाद, साइंस क्विज़, इस्लामी क्विज के मुकाबले होंगे। कॉलेज के प्रबंधक महबूब सईद हारिस, प्रधानाचार्य मो. नदीमुल्लाह अब्बासी एवं जलसे के संयोजक रिजवानुल हक ने बताया कि मऊ, आजमगढ़, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, अलीगढ़, लखनऊ, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बाराबंकी समेत बीस से ज्यादा जिलों के छात्र प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने बताया कि 28 नवंबर को शाम 5:30 बजे जलसा-ए-सीरतुन्नबी व दीनी तालीमी नुमाइश का उद्घाटन नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी करेंगे। 29 नवंबर को सान्वी व जूनियर ग्रुप का मु...

शहज़ादी ए रसूल हज़रत ज़ैनब रदियल्लाहु तआला अन्हा

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  मुफ्तिया कहकशां फातिमा  तुर्कमानपुर, गोरखपुर। हज़रत ज़ैनब रदियल्लाहु तआला अन्हा अल्लाह पाक के आखरी नबी हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम की साहिबज़ादियों में सबसे बड़ी और नबी ए रहमत सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम की पहली औलाद हैं। आपकी पैदाइश ऐलाने नुबुव्वत से 10 साल पहले जब पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम की ज़ाहिरी उम्र शरीफ 30 साल थी मक्का मुकर्रमा में उम्मुल मोमिनीन हज़रत खदीजा रदियल्लाहु तआला अन्हा के शिकम से हुई।  नबी ए पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम आपकी विलादत पर बहुत खुश हुए। अरब वाले अपने बच्चों की शुरुआती परवरिश देहात की खुली हवाओं में कराते। लिहाज़ा इसी दस्तूर के मुताबिक शुरू में आपको एक नेक सीरत खातून के हवाले कर दिया गया। दो साल की मुद्दत पूरी हुई तो आप दोबारा अपनी मां के देखभाल में आईं और नेक मां बाप के साए में पाक तालीम व तरबियत हासिल की।  उम्मुल मोमिनीन हज़रत खदीजा रदियल्लाहु तआला अन्हा की गुज़ारिश पर अल्लाह पाक के आखरी नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम ने हज़रत ज़ैनब रदियल्ला...

आखरी नबी की पाक साहबज़ादी हज़रते रुक़य्या रदियल्लाहु तआला अन्हा

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  मुफ्तिया कहकशां फातिमा  तुर्कमानपुर, गोरखपुर। हज़रते रुक़य्या रदियल्लाहु तआला अन्हा अल्लाह पाक के आखरी नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम की दूसरी बेटी हैं। आपकी वालिदा उम्मुल मोमिनीन हज़रत खदीजा तुल कुबरा रदियल्लाहु तआला अन्हा हैं। आप ऐलाने नुबुव्वत से 7 बरस पहले पैदा हुईं। और इस्लाम के शुरुआती दौर ही में अपनी वालिदा के साथ इस्लाम ले आईं। इस्लाम से पहले नबी पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम की दो पाक बेटियां हज़रते रुक़य्या और हज़रते उम्मे कुलसूम रदियल्लाहु तआला अन्हुमा का निकाह अबू लहब के दोनों बेटे उत्बा और उतैबा से हुआ था। लेकिन अभी इनकी रुख़्सती नहीं हुई थी। अबू लहब और मक्का की दीगर इस्लाम दुश्मन ताकतें इस्लाम और पैगंबर ए इस्लाम के लिए शिद्दत पकड़ गईं। वह अख्लाकी हदों और इंसानी उसूलों को भूल कर अल्लाह पाक के आखरी नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम की शान में बुरे अल्फ़ाज़ इस्तेमाल किए। इसी सिलसिले में अल्लाह पाक की तरफ से कुरआन पाक की सूरत सूरह-ए-लहब नाज़िल हुई। अबू लहब कुरआन में अपनी इस रुसवाई का बयान सुनकर गुस्सा में आग बबूला हो गया। इंसानी उसूलों क...

मुकद्दस हज यात्रा 2025 : दूसरी किस्त की राशि 16 दिसंबर तक करें जमा

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  गोरखपुर। मुकद्दस हज यात्रा 2025 के लिए हज कमेटी ऑफ इंडिया ने दूसरी किस्त की राशि जमा करने की तिथि जारी कर दी है। दूसरी किस्त के तहत हज यात्रा पर जा रहे प्रति व्यक्ति को एक लाख 42 हजार रुपये जमा कराना है। राशि जमा करने की अंतिम तिथि 16 दिसंबर निर्धारित है। गोरखपुर से करीब 134 लोग मुक़द्दस हज यात्रा करेंगे। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पहली किस्त की राशि की तरह ही इस बार भी राशि उसी प्रक्रिया से जमा होगी। साथ ही हज कमेटी ऑफ इंडिया ने मेहरम श्रेणी की महिलाओं के लिए भी ऑनलाइन हज आवेदन करने की घोषणा की है। मेहरम श्रेणी में केवल वे महिलाएं ही हज आवेदन की पात्र होंगी, जो पासपोर्ट न मिलने या अन्य कारणों से समय पर हज आवेदन नहीं कर सकीं थीं। जिनके शरिया मेहरम ने पहले ही हज के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया है, पहली किस्त की राशि भी जमा कर दी है और उनका कवर पांच व्यक्तियों से कम हो। मेहरम श्रेणी के लिए पूरे भारत में 500 कोटा आवंटित किया गया है। अंतिम चयन ड्रॉ के बाद किया जायेगा। मिली जानकारी के अनुसार मेहरम श्रेणी की महिलाएं जिनके पास नौ दिसंबर 2024 या उससे पहले का पासपो...

हज़रते सैयदा बीबी आमिना रदियल्लाहु तआला अन्हा

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  पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम का नसब शरीफ़ वालिद माजिद हज़रत सैयदना अब्दुल्लाह रदियल्लाहु तआला अन्हु की तरफ से यह है - हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम बिन अब्दुल्लाह बिन अब्दुल मुत्तलिब बिन हाशिम बिन अब्दे मुनाफ़ बिन कुस्सा बिन कलाब बिन मुर्रह बिन कअब बिन लुवइ बिन गालिब बिन फेहर बिन मालिक बिन नज़र बिन किनाना बिन खुजैमा बिन मुदरिका बिन इल्यास बिन मुज़र बिन नज़ार बिन मअद्द बिन अदनान और वालिदा माजिदा हज़रते सैयदा बीबी अमिना रदियल्लाहु तआला अन्हा की तरफ से पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम का शजरा-ए-नसब यह है - हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम बिन आमिना बिन्ते वहब बिन अब्दे मुनाफ़ बिन जुहरा बिन किलाब बिन मुर्रह। पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम का खानदान व नसब, नजाबतो-शराफत में तमाम दुनिया के खानदानों से अशरफ़ व आला है। पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम के मां-बाप दोनों का सिलसिला-ए-नसब 'फिहर बिन मालिक' से मिलता है। इसलिए पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्ला...

हज व उमरा की फजीलत बताई गई

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  -दावते इस्लामी इंडिया की पहली हज ट्रेनिंग  गोरखपुर। जिले के करीब सौ हज यात्रियों को नार्मल स्थित दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद में रविवार को दावते इस्लामी इंडिया की ओर से पहली हज ट्रेनिंग दी गई। हज के अरकान व फजीलत पर रौशनी डाली गई। ट्रेनिंग 1, 8, 15, 22 व 29 दिसंबर को भी दी जाएगी। हज ट्रेनर हाजी मोहम्मद आज़म अत्तारी ने हज यात्रियों को घर से रवाना होने से लेकर लौटकर आने तक के मसलों और उनके समाधान के बारे में जानकारी दी। हज की नियत करने का तरीका बताया। साथ ही हज पर ले जाने वाले सामानों की लिस्ट व तैयारी, तल्बिया यानी ‘लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक’ का अभ्यास कराया।  उन्होंने कहा कि हज इस्लाम का अहम फरीजा है। अल्लाह ने 9 हिजरी में हज फ़र्ज़ फरमाया। जो मालदारों पर फ़र्ज़ है, वह भी ज़िंदगी में सिर्फ एक बार। इसे दिल से अदा करना चाहिए। हज बेहद अहम इबादत है। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि मकबूल हज करने वाला ऐसा होता है मानो आज ही मां के पेट से पैदा हुआ हो। उसके सभी गुनाह माफ़ हो जाते हैं।  ट्रेनिंग की शुरुआत कुरआन-ए-पाक की तिलावत से हुई। अंत म...

शहज़ादी ए रसूल हज़रत ज़ैनब रदियल्लाहु तआला अन्हा

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  मुफ्तिया कहकशां फातिमा  तुर्कमानपुर, गोरखपुर। हज़रत ज़ैनब रदियल्लाहु तआला अन्हा अल्लाह पाक के आखरी नबी हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम की साहिबज़ादियों में सबसे बड़ी और नबी ए रहमत सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम की पहली औलाद हैं। आपकी पैदाइश ऐलाने नुबुव्वत से 10 साल पहले जब पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम की ज़ाहिरी उम्र शरीफ 30 साल थी मक्का मुकर्रमा में उम्मुल मोमिनीन हज़रत खदीजा रदियल्लाहु तआला अन्हा के शिकम से हुई।  नबी ए पाक सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम आपकी विलादत पर बहुत खुश हुए। अरब वाले अपने बच्चों की शुरुआती परवरिश देहात की खुली हवाओं में कराते। लिहाज़ा इसी दस्तूर के मुताबिक शुरू में आपको एक नेक सीरत खातून के हवाले कर दिया गया। दो साल की मुद्दत पूरी हुई तो आप दोबारा अपनी मां के देखभाल में आईं और नेक मां बाप के साए में पाक तालीम व तरबियत हासिल की।  उम्मुल मोमिनीन हज़रत खदीजा रदियल्लाहु तआला अन्हा की गुज़ारिश पर अल्लाह पाक के आखरी नबी सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम ने हज़रत ज़ैनब रदियल्ला...

एमएसआई इंटर कॉलेज का चार दिवसीय वार्षिक सीरतुन्नबी जलसा 28 से

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  -प्रदेश भर के छात्रों के बीच होगा किरात, तकरीर, नात, इस्लामी क्विज, वाद विवाद, पेंटिंग, साइंस क्विज का मुकाबला -जलसा व दीनी तालीमी नुमाइश का उद्घाटन करेंगे नायब काजी मुफ्ती अजहर शम्सी  गोरखपुर। एमएसआई इंटर कॉलेज बक्शीपुर में 28, 29, 30 नवंबर व एक दिसंबर को वार्षिक सीरतुन्नबी जलसा आयोजित किया जाएगा। जिसमें छात्रों के बीच स्थानीय और राज्य स्तरीय किरात, नात, तकरीर, इस्लामी क्विज प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। पिछले कुछ वर्षों से वाद-विवाद, पेंटिंग, साइंस क्विज और विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिताएं भी शुरू की गई हैं ताकी गैर अल्पसंख्यक संस्थानों के छात्र भी भाग लें जिससे आपसी प्रेम व सम्मान विकसित हो। सहिष्णुता की भावना पनपे। इस मौके पर दीनी तालीमी नुमाइश आकर्षण का केंद्र होगी। जलसे व दीनी तालीमी नुमाइश का उद्घाटन गुरुवार 28 नवंबर को शाम 5:30 बजे नायब काजी हज़रत मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी करेंगे। वहीं समापन समारोह में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्र संघ के जरिए राजनीति में आने वाले राजस्थान के डॉ. हाफिज मो. आजम बेग संबोधित करेंगे। जलसे का कार्यक्रम जारी करते हुए कॉलेज के प्रबंधक महब...

दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद‌ में हर रविवार दो घंटे होगी हज ट्रेनिंग

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  -24 नवंबर से आगाज़, 1, 8, 15, 22, 29 दिसंबर तक चलेगी हज ट्रेनिंग  गोरखपुर। हज 2025 के मुक़द्दस सफर पर जाने वाले मुसलमानों को हज व उमरा से संबंधित तमाम जानकारी व ट्रेनिंग देने के लिए दावते इस्लामी इंडिया ने अच्छी पहल की है। जिसके तहत नार्मल स्थित दरगाह हज़रत मुबारक ख़ां शहीद में 24 नवंबर और 1, 8, 15, 22 व 29 दिसंबर को प्रत्येक रविवार सुबह 10:30 बजे से लेकर दोपहर 12:35 बजे तक दो घंटा हज ट्रेनिंग दी जाएगी। जिले से इस बार 134 यात्री मुक़द्दस हज के सफर पर जायेंगे। यह जानकारी दावते इस्लामी इंडिया के हज ट्रेनर हाजी मोहम्मद आज़म अत्तारी ने दी है। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग में सफ़रे हज के ज़रूरी सामान की तैयारी, एहराम के अहकाम और प्रैक्टिकल तरीका, हज और उमरा की फजीलत, उमरा का तरीका, तवाफ का प्रैक्टिकल तरीका, सफा व मरवा पर चक्कर का तरीका, हल्क और तक्सीर के मसाइल, हज के पांच दिन, अरफात , मुजदलिफा, मीना के वकूफ, मदीना मुनव्वरा के आदाब व एहतराम हाज़िरी के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। यानी सिर्फ छह दिन में हज का पूरा तरीका सिखा दिया जाएगा। इस्लामी बहनों के लिए पर्दे का खास इंतजाम रहे...

मो. आतिफ बने हाफिज-ए-कुरआन

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गोरखपुर। हरैया नौसढ़ के रहने वाले मो. अकील खां व किस्मतुन निसा के पंद्रह वर्षीय पुत्र मो. आतिफ खान ने तीन साल में पूरा कुरआन-ए-पाक हिफ्ज (कंठस्थ) कर लिया है। आतिफ ने अपनी पढ़ाई दारुल उलूम बरकातिया अहले सुन्नत सैयदुल उलूम मगहर संतकबीरनगर से पूरी की है। हाफिज बनने पर आतिफ की उलमा किराम ने दस्तारबंदी की। तोहफ़ों व दुआओं से नवाजा गया।  आतिफ की कामयाबी पर मो. शकील खां, मो. शमीम खां, मो. अयूब खां, मो. आदिल खां, मो. आसिफ, मो. आसिम, एडवोकेट मो. यासीन, मास्टर शब्बीर अहमद, डॉ. पेशकार अहमद, सगीर अहमद, हाफिज मो. कादिर, पीर मोहम्मद, मो. आज़म, मो. आवेश आदि ने मुबारकबाद पेश की।

पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि व आलिहि वसल्लम की औलादे किराम

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  इस बात पर तमाम मुअर्रिख़ीन का इत्तेफाक है कि पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की औलादे किराम की तादाद छह है। दो फ़र्ज़न्द हज़रते क़ासिम व हज़रते इब्राहीम और चाचा साहिबज़ादियां हज़रते ज़ैनब, हज़रते रुकय्या, हज़रते उम्मे कुलसूम व हज़रते फातिमा रदीयल्लाहु तआला अन्हुमा। लेकिन बाज मुअर्रिख़ीन ने यह बयान किया है कि आपके एक साहिबजादे अब्दुल्ला भी हैं जिनका लक़ब तैय्यब व ताहिर था।इस क़ौल की बिना पर पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की मुक़द्दस औलाद की तादाद सात है तीन साहिबज़ादगान और चार साहिबज़ादियां। हज़रत शैख़ अब्दुल हक़ मुहद्दिस देहलवी रहमतुल्लाह अलैह ने इसी क़ौल को ज्यादा सही बताया है। इसके अलावा पैग़ंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की मुक़द्दस औलाद के बारे में दूसरे अक़वाल भी हैं जिनका तज़्किरा तवालत से खाली नहीं। पैगंबरे आज़म हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की इन सातों मुक़द्दस औलाद में से हज़रते इब्राहीम रदियल्लाहु अन्हु हज़रते मारिया किब्तिया के शिकम से तवल्लुद हुए थे। बाकी तमाम औलादे किराम हज़रते बीबी खदीजतुल कुब्रा रदिय...