एमएसआई इंटर कॉलेज का चार दिवसीय वार्षिक सीरतुन्नबी जलसा 28 से







 


-प्रदेश भर के छात्रों के बीच होगा किरात, तकरीर, नात, इस्लामी क्विज, वाद विवाद, पेंटिंग, साइंस क्विज का मुकाबला


-जलसा व दीनी तालीमी नुमाइश का उद्घाटन करेंगे नायब काजी मुफ्ती अजहर शम्सी 


गोरखपुर। एमएसआई इंटर कॉलेज बक्शीपुर में 28, 29, 30 नवंबर व एक दिसंबर को वार्षिक सीरतुन्नबी जलसा आयोजित किया जाएगा। जिसमें छात्रों के बीच स्थानीय और राज्य स्तरीय किरात, नात, तकरीर, इस्लामी क्विज प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। पिछले कुछ वर्षों से वाद-विवाद, पेंटिंग, साइंस क्विज और विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी प्रतियोगिताएं भी शुरू की गई हैं ताकी गैर अल्पसंख्यक संस्थानों के छात्र भी भाग लें जिससे आपसी प्रेम व सम्मान विकसित हो। सहिष्णुता की भावना पनपे। इस मौके पर दीनी तालीमी नुमाइश आकर्षण का केंद्र होगी।


जलसे व दीनी तालीमी नुमाइश का उद्घाटन गुरुवार 28 नवंबर को शाम 5:30 बजे नायब काजी हज़रत मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी करेंगे। वहीं समापन समारोह में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्र संघ के जरिए राजनीति में आने वाले राजस्थान के डॉ. हाफिज मो. आजम बेग संबोधित करेंगे।


जलसे का कार्यक्रम जारी करते हुए कॉलेज के प्रबंधक महबूब सईद हारिस, प्रधानाचार्य मो. नदीमुल्लाह अब्बासी व कंवीनर रिजवानुल हक़ ने बताया कि इस बार मदरसों के दो समूह (आला व सान्वी) तथा स्कूल, कॉलेजों के दो समूह (सीनियर व जूनियर) का गठन किया गया है। डिबेट में कोई समूह नहीं है लेकिन प्रत्येक संस्थान से दो छात्र सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए भाग ले सकते हैं।


उन्होंने बताया कि पेंटिंग, साइंस क्विज एवं विज्ञान मॉडल में जूनियर एवं सीनियर ग्रुप बनाए गए हैं। जिसमें प्रत्येक ग्रुप में प्रत्येक संस्थान से दो-दो छात्र भाग ले सकते हैं। मकतब, मदरसा, स्कूल, कॉलेज में निमंत्रण पत्र भेज दिए गए हैं। दूरदराज के मकतब व मदरसों ने जलसे में आने की सहमति दे दी है। प्रतियोगिता की अधिक जानकारी कॉलेज कार्यालय से हासिल की जा सकती है।


कॉलेज के सीनियर लेक्चरर और दीनी तालीमी नुमाइश (धार्मिक शिक्षा प्रदर्शनी) के प्रभारी मुख्तार अहमद प्रदर्शनी की साज सज्जा में लगे हुए हैं। वह हर बार इसमें विविधता लाते रहते हैं। त्रिभाषी संदेशों के माध्यम से इस्लाम की एक व्यापक तस्वीर पेश करते हैं। यह प्रदर्शनी पूरे जलसे के दौरान खुली रहेगी। महिलाओं के अवलोकन के लिए अलग से समय निर्धारित रहेगा।

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