अल-बेरूनी (973 ई० 1048 ई.) : Untold Muslim Scientist, philosophers story


 अबू रिहान अल-बेरूनी का परिचय हम महान खगोल शास्त्री और विद्वान के रूप में करा चुके हैं। अल-बेरूनी खगोलशास्त्री, शोधकर्ता, इतिहासकार, फ़लसफ़ी, भौतिक विज्ञानी ही नहीं, माने हुए यात्री भी थे।


अबू रिहान अल-बेरूनी 1029 ई० में ग़ज़नी से अल-बेरूनी भारत की यात्रा पर आये। वह लगभग दस वर्ष भारत के विभिन्न नगरों में घूमे और वापस ग़ज़नी जाकर उन्होंने भारत की संस्कृति, इतिहास और भूगोलिक स्थिति पर ‘किताबुल हिन्द’ नाम की पुस्तक लिखी। यह पुस्तक उस युग के भारत की शानदार तस्वीर पेश करती है।

अल-बेरूनी ने एशिया के कई देशों की यात्रा की और उन देशों के रीति रिवाज, सरकार, इतिहास और धर्मों की जानकारी दी उनकी शानदार पुस्तक ‘आसारुल वाक़िया’ में विभिन्न जातियों जैसे ईरानियों, यूनानियों, यहूदियों, ईसाइयों, मजूसियों, पारसियों और मुसलमानों के बारे में रोचक जानकारी है। उन्होंने विभिन्न धर्मों में प्रयोग होने वाली पंचांगों का वर्णन भी किया है। उनकी एक और पुस्तक ‘अलक़रनुल ख़ालिया’ है। अल-बेरूनी ने पचास वर्ष तक विभिन्न विषयों पर लिखा उनकी पुस्तकों की संख्या डेढ़ सौ से अधिक है।

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